Ram Gita Hindi Book Pdf Download
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पुस्तक का संक्षिप्त विवरण:
भगवद् गीता में जैसे श्री कृष्ण और अर्जुन के बीच के संवाद है, वैसे ही ‘रामगीता’ में श्री राम और हनुमान के परस्पर संवाद रखे गये है। विषय वस्तु, शैली और आकार को देखते हुए इन दोनों कृतियों में कई समानताए। है। दार्शनिक तत्व तथा उपदेश को देखते हुए दोनां काफी हद तक एक समान है तथा ‘रामगीता’ में भी 18 निबन्ध या अध्याय है। परन्तु रामगीता में कुल 1001 संस्कृत छन्द होने के कारण ये अधिक लम्बी है। एक और अन्तर यह देखा जाता है कि जहां भगवद् गीता में अर्जुन की झीझक और उदासी के प्रसंग में कुरूक्षेत्र की युद्धभूमि है, वहीं रामगीता में ऐसी कोई अत्यावश्यकता और तनाव की स्थिति नही है, रामगीता का प्रारम्भ हनुमान की राम से ब्रह्मविद्या का ज्ञान देने हेतु प्राथना पूर्ण अनुरोध से होता है।
ये भी रूचिकर है कि ‘रामगीता’ के अध्यायों के अंत में श्री राम स्वयं ‘महाशास्त्र’ का वर्णन करते है, जिसमें सभी वेदों और उपनिषदों का सार है, और हनुमान सधन्यवाद ये स्वीकार करते है कि जितनी भी ‘गीताएं’ उसने सुनी है, उन सब में ‘रामगीता’ स्पष्टतः सर्वोत्कृष्ट तथा जीवन अमृत की तरह है। उस समय के श्रीराम की मर्यादा पुरूषोत्त्म अथवा सम्पूर्ण मानव की अवधारणा बहुत महत्व रखती है। ऐसा समझा जाता था कि जो भी सही और सत्य से परिपूर्ण है, उसी का मानवीकरण राम है, ‘सतयुग का सार वे ही है और आज के युग के मानव जिसने अपनी मानवता खो दी है, की उनसे तुलना करना बेहद कठिन है। इसलिए ‘रामायण’ में श्री राम का व्यक्तित्व और उनके जीवन के सावधानीपूर्ण अध्ययन से पता चलता है कि उनका प्रसंग में जीवन के हर क्षेत्र में शांति और व्यवस्था लाने के लिए ज्ञान हेतु अति महत्वपूर्ण है।
अंत में यहां यह बताना जरूरी है कि ‘रामगीता’ का मात्र एक ही संस्करण है जो 1921 में काशी में (अब वाराणसी) श्री भारत धर्म महामण्डल द्वारा प्रकाशित किया गया था। संस्कृत के मूल पाठ के साथ-साथ हिन्दी में भी सुबोधगम्य लिखित व्याख्या सहित हिन्दी अनुवाद भी दिया गया है। इसके अनुवाद और व्याख्या डूंगरपुर के स्व. महारावल विजयसिंह जी द्वारा तैयार किए गए थे, जो इस असाधारण और अद्वि तीय प्रकाशन के सृष्ठा थे। निःसंदेह इस कार्य की प्रेरणा और दिशा निर्दश उन्होने अपने गुरू स्वामी ज्ञानान्दजी, श्री भारत धर्म महामंडल के संस्थापक से प्राप्त की थी, जिन्होने सृष्टा की मृत्यु के तीन वर्ष बाद इस कृति का प्रकाशन किया।
विषयानुक्रमणिका:
- अयोध्या मराडपादि वर्णनम्
- प्रमाण सार विवेचनम्
- ज्ञानयोग निरुपणम्
- जीवनमुक्ति निरुपणम्
- विदेहमुक्ति निरुपणम्
- वासना त्रयादी निरुपणम्
- सप्तभूमिका निरुपणम्
- समाधि निरुपणम्
- वर्णाश्रम व्यवस्थापनम्
- कर्म विभाग योग निरुपणम्
- गुणत्रय विभाग योग निरुपणम्
- विश्वरूप निरुपणम्
- तारक प्रणव विभाग योगः
- महावाक्यार्थ विचारणम्
- नवचक्र विवेक योग निरुपणम्
- अणिमादि सिद्धि दूषणम्
- विद्या-सन्तति गुरु-तत्त्व निरुपणम्
- सर्वाध्याय संगती निरुपणम्
Details of Book :-
Particulars | Details (Size, Writer, Dialect, Pages) |
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Name of Book: | राम गीता | Ram Gita |
Author: | Maharshi Vasisth |
Total pages: | 324 |
Language: | हिंदी | Hindi |
Size: | 52 ~ MB |
Download Status: | Available |
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