Shri Chakreshwara Nirupanam Hindi Book Pdf Download
All New hindi book pdf free download, श्री चक्रेश्वर निरुपणम | Shri Chakreshwara Nirupanam download pdf in hindi | Dr. Chaman Lal Raina Books PDF| श्री चक्रेश्वर निरुपणम, Shri Chakreshwara Nirupanam Book PDF Download Summary & Review.
पुस्तक का संक्षिप्त विवरण:
काश्मीर के भूभाग में देवी पराशक्ति का प्रादुर्भाव सतीसर के रूप में हुआ है। अतः सतीसर कश्मीर भूभाग का गर्भगृह है। जहाँ एक ओर महादेव पर्वत की श्रृंखला है, वहीं सुरम्य सिंधु नदी एवं पञ्चतरणी का प्रवाह वितस्ता नदी से मिलकर प्रयागराज शादीपुर (शारदापुर) हमारी सांस्कृतिक धरोहर को प्रतिबिम्बित करता है। हमारे लिए आध्यात्मिक क्षेत्र में शारिका पर्वत का महत्व परात्पर शक्ति पीठ के रूप में विद्यमान है, जहाँ पर शिलारूपिणी चक्रेश्वरी 'चक्रेश्वर' का अभिन्न रूप है। यह वह स्वयंभू शिला है, जिसमें बिन्दु, त्रिकोण, अष्टकोण, चतुर्दशकोण, वृत्तत्रय एवं भूपुर, श्री शारिका की स्वनिर्मित्त वर्णमाला के स्थायी कोष्ठ हैं। सप्तमातृकाओं का उदगम् एवं प्रार्दुभाव हमारी सांस्कृतिक चेतना का अभिन्न भाग बन गया है। यूँ तो सप्तमातृका पूजन 'काहनेथर' (जातकर्म संस्कार) एवं देवगुण (दिवगोण) के समय तथा कन्या संस्कार के समय वांछनीय है। इसका दार्शनिक महत्व तो अध्यात्म से भरपूर है।
विस्थापन के कारण इस सप्तमातृका पूजन का ज्ञान आहिस्ता आहिस्ता लोप होता जा रहा है। मूलतः सत्थू, श्रीनगर निवासी सोमनाथ कौल (घासी), एवं प्रो. वी.एन. द्राबू जी भी सप्तमातृकादि विद्या जानने के लिए बहुत ही उत्सुक रहे हैं। अतः मैंने अपने मित्र डा. चमन लाल रैना जी को सप्तमातृका पर वृहत लेख लिखने के लिए आग्रह किया। उनके पास जो सामग्री पं. जगन्नाथ जी सिबू से प्राप्त हो गई थी, उसी को आधार बनाकर इस चक्रेश्वर निरूपण में सप्तमातृका को पुस्तिका का आकार देकर मैंने इस को प्रकाशित करने का निश्चय बना दिया, ताकि भावी पीढ़ी के लिए यह सांस्कृतिक एवं धार्मिक धरोहर सुरक्षित रहे।
जहाँ तक मैंने इस हस्त लिखित पाण्डुलिपि का अध्ययन किया तो मुझे लगा कि सप्तमातृकाएं वास्तव में भाषा विज्ञान पर ही आधारित है जिसमें संधि का प्रयोग कश्मीर के शिव-अद्वैत दर्शन को प्रदर्शित करता है, जो कश्मीर का मौलिक चिंतन रहा है। बीजाक्षरों में चन्द्र बिन्दु का प्रयोग ऐं, ह्रीं, क्लीं, इत्यादि शैवयोग की एक प्रक्रिया है। जिसका तात्पर्य वैदिक ऋतम् और सत्यम् है। संस्कार जातकर्म से हो, अथवा यज्ञोपवीत एवं कन्या संस्कार हो; उसी से आजीवन शुद्धिकरण बना रहता है। मुझे आशा है कि हमारा समाज इस लाभदायी पुस्तिका को पढ़कर प्रयोग में लायें।
Details of Book :-
Particulars | Details (Size, Writer, Dialect, Pages) |
---|---|
Name of Book: | श्री चक्रेश्वर निरुपणम | Shri Chakreshwara Nirupanam |
Author: | Dr. Chaman Lal Raina |
Total pages: | 46 |
Language: | हिंदी | Hindi |
Size: | 16 ~ MB |
Download Status: | Available |
= हमारी वेबसाइट से जुड़ें = | ||
---|---|---|
Follow Us | ||
Follow Us | ||
Telegram | Join Our Channel | |
Follow Us | ||
YouTube चैनल | Subscribe Us |
About Hindibook.in
Hindibook.In Is A Book Website Where You Can Download All Hindi Books In PDF Format.
Note : The above text is machine-typed and may contain errors, so it should not be considered part of the book. If you notice any errors, or have suggestions or complaints about this book, please inform us.
Keywords: Shri Chakreshwara Nirupanam Hindi Book Pdf, Hindi Book Shri Chakreshwara Nirupanam Pdf Download, Hindi Book Free Shri Chakreshwara Nirupanam, Shri Chakreshwara Nirupanam Hindi Book Pdf, Shri Chakreshwara Nirupanam Hindi Book Pdf Free Download, Shri Chakreshwara Nirupanam Hindi E-book Pdf, Shri Chakreshwara Nirupanam Hindi Ebook Pdf Free, Shri Chakreshwara Nirupanam Hindi Books Pdf Free Download.