Jyotish Shastra Mein Rogvichar Hindi Book Pdf Download
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पुस्तक का संक्षिप्त विवरण:
प्रायः प्रत्येक रोगी के मन में रोग की साध्यता, असाध्यता, कालावधि एवं परि- णाम के बारे में अनेक भय एवं भ्रान्तिणं रहती हैं, जिनसे उसे रोग की तुलना में कई गुना अधिक कष्ट मिलता है और वह बेचैन सा हो जाता है। यदि इनके बारे में उसको एक निश्चित जानकारी करा की जाय, तो उक्त भय, भ्रान्ति एवं बेचैनी काफी हद तक दूर हो जाती है। इस सुनिश्चित जानकारी मात्र से रोगी के मन में एक नई बाशा का संचार किया जा सकता है और इस स्थिति में उसे चिकित्सा से अधिकतम लाभ मिल सकता है।
किन्तु उक्त प्रश्नों के वारे में सुनिश्चित जानकारी कैसे हो ? यह एक ऐसा प्रश्न है, जो अनेक बार मेरे सामने आया और अन्त में मैंने विचार किया कि जिस प्रकार ज्योतिष शास्त्र के द्वारा जीवन के सभी पहलुओं का विचार किया जाता है, उसी प्रकार इस शास्त्र के द्वारा उक्त प्रश्नों का भी विचार किया जाय। ऐसा निश्चय कार में इस शोधकार्य में प्रवृत्त हुआ। 'ज्योतिष शास्त्र में रोग विचार' यह गन्थ इस दिशा में किया गया एक एक लघुप्रमास है।
नौ अध्यायों में विभक्त इस ग्रन्थ की प्रस्तावना में ग्रहों का मान। जीवन पर प्रभाव, ग्रहों के प्रभाव को जानने के साधत, ज्योतिष एवं कर्मवाद, ज्योतिष एवं आयुर्वेद, रोगोत्पत्ति के कारण एवं ज्योतिष शास्त्र में रोग विचार की ऐतिहासिक परम्परा का विवेचन किया है। इस ग्रन्थ के प्रथम अध्याय में रोगों की जानकारी के प्रमुख उनकरण, योग, उसके भेद एवं उसके मुख्य तत्व तया रोगविचार के प्रसंग में ग्रह, राशि एवं भावों का परिचय प्रस्तुत किया गया है। द्वितीय अध्याय में रोग-परिज्ञान के सिद्धान्त तथा रोगों का वर्गीकरण, तृतीय अध्याय में जन्मजात रोग, चतुर्थ अध्याय में दृष्ट निमित्तजन्य आकस्मिक रोग, पंचम एवं पष्ठ अध्याय में अदृष्टनिवित्तजन्य शारीरिक रोग तथा सप्तम अध्याय में मानसिक रोगों का प्रयोगों के आधार पर विस्तृत विवेचन किया गया है। अष्टम अध्याय में रोगोहात्ति के सम्भावित समय का विचार और नवम अध्याय में रोगों का साध्यासाध्यत्व, रोग-समाप्ति का काल एवं रोगनिवृत्ति के उगयों का विचार किया गया है। इस अध्याय के अन्त में उपसंहार में ज्योतिष शास्त्र में रोगविचार.....
Details of Book :-
Particulars | Details (Size, Writer, Dialect, Pages) |
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Name of Book: | ज्योतिष शास्त्र में रोग विचार | Jyotish Shastra Mein Rogvichar |
Author: | Dr. Shukdev Prasad Chaturvedi |
Total pages: | 282 |
Language: | हिंदी | Hindi |
Size: | 95 ~ MB |
Download Status: | Available |
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