Japa Yoga Hindi Book Pdf Download
All New hindi book pdf free download, जप योग | Japa Yoga download pdf in hindi | Swami Sivanand Books PDF| जप योग, Japa Yoga Book PDF Download Summary & Review.
पुस्तक का संक्षिप्त विवरण:
इस कलिकाल में भगवत्प्राप्ति का केवल जप ही एक सरल उपाय है। गीता के व्याख्याकार और अद्वैतसिद्धि नामक ग्रन्थ के प्रख्यात प्रणेता स्वामी मधुसूदन सरस्वती को श्रीकृष्ण-मन्त्र के जप से ही भगवान् श्रीकृष्ण के साक्षात् दर्शन हुए थे । पञ्चदशी नामक प्रसिद्ध ग्रन्थ के प्रणेता स्वामी विद्यारण्य को जप द्वारा ही माता गायत्री के प्रत्यक्ष दर्शन हुए थे; पर आज- कल सभी शिक्षित लोगों और कालेजों के विद्याभियों का विश्वास मन्त्रों पर से विज्ञान के प्रभाव से उठ गया है। जप करना उन लोगों ने बिलकुल छोड़ दिया है। यह सचमुच बड़े ही खेद की बात है। जब तक खून में गरमी रहती है तव त्तक अंग्रेजी पढ़े-लिखे लोग जिद्दी, अभिमानी और नास्तिक रहते हैं। उनके मन और मस्तिष्क का एक वार पूरी तरह कायाकल्प कराने की आवश्यकता है। जीवन अल्प है। समय भागा जा रहा है। संसार यातनामों से पूर्ण है। अविद्या की गाँठें काट कर निर्वाण-सुख का आनन्द लो। तुम्हारा जो दिन विना जप किये बीतता है उसे तुम व्यर्थ गया समझो। जो इस संसार में केवल खाने, पीने और सोने में ही समय खोते है और जो विलकुल जप नहीं करते, वे दो पैर वाले पशु हैं।
अमरीका में गगनचुम्बी मकान हैं। हर एक कमरा नवीन तम है और विद्युत् तथा वायु-सम्बन्धी साधनों से सजा है; प अव प्रिय मित्र, मुझे सच-सच बतलाओ कि दोनों में कौन बड़ है ? वह जां अमरीका के गगनचुम्बी मकान में रहता है जिसके पास सैकड़ों मोटरें ओर हवाई जहाज, अटूट धन है; परन्तु बड़ी चिन्ताएँ, सोच-विचार, तरह-तरह को सैकड़ों बीमा रियाँ तथा रक्त-चाप ग्रादि से ग्रस्त है ओर जिसका हृदय घोर अज्ञान, काम, क्रोध, लोभ ग्रादि से भरा है या वह जो ऋषिकेश में गङ्गा-तट पर फूस की कुटिया में रहता है, जिसका स्वास्थ्य अति-सुन्दर है, हृदय विशाल है, जो सेवा में ही, आनन्द लेत है, जिसे अनन्त सुख और शान्ति है, जिसे पूर्ण आत्मज्ञान है; किन्तु जिसके पास धन, चिन्ताएँ, सोच-विचार कुछ भी नहीं है ?
आध्यात्मिक जीवन ही सच्चा जीवन है। अध्यात्म-ज्ञान ही सच्चा अटूट धन है। इसीलिए जाग जाओ और अध्यात्म- ज्ञान को प्राप्त करने के लिए उत्कण्ठित हो जाओ, साधना का अभ्यास करो। आत्मा को पहचानो और इसी जन्म में सच्चे योगी वन जाओ ।
इस दृश्य जगत् से इन्द्रियों को हटा लेने और मन को भीतर एकाग्र करने का ही नाम योग है। आत्मा में निरन्तर मग्न रहते हुए जीवन बिताना ही असली योग है। योगाभ्यास मनुष्य को देवता वना देता है। योग निराश हुए लोगों को आशा, दुःखियों को सुख, निर्बलों को बल और अज्ञानियों को जात देता है।
Details of Book :-
Particulars | Details (Size, Writer, Dialect, Pages) |
---|---|
Name of Book: | जप योग | Japa Yoga |
Author: | Swami Sivanand |
Total pages: | 149 |
Language: | हिंदी | Hindi |
Size: | 3.8 ~ MB |
Download Status: | Available |
= हमारी वेबसाइट से जुड़ें = | ||
---|---|---|
Follow Us | ||
Follow Us | ||
Telegram | Join Our Channel | |
Follow Us | ||
YouTube चैनल | Subscribe Us |
About Hindibook.in
Hindibook.In Is A Book Website Where You Can Download All Hindi Books In PDF Format.
Note : The above text is machine-typed and may contain errors, so it should not be considered part of the book. If you notice any errors, or have suggestions or complaints about this book, please inform us.
Keywords: Japa Yoga Hindi Book Pdf, Hindi Book Japa Yoga Pdf Download, Hindi Book Free Japa Yoga, Japa Yoga Hindi Book by Swami Sivanand Pdf, Japa Yoga Hindi Book Pdf Free Download, Japa Yoga Hindi E-book Pdf, Japa Yoga Hindi Ebook Pdf Free, Japa Yoga Hindi Books Pdf Free Download.