Jyotish Prathamik Hindi Book Pdf Download
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पुस्तक का संक्षिप्त विवरण:
ज्यादातर ज्योतिषाचार्य का मानना है की नियमावली (Manual) अनुसार खगोलीय और ज्योतिषीय गणित गणना न कर सीधे ही कंप्यूटर कुंडली सॉफ्टवेयर का उपयोग कर कुंडली का निर्माण कर सीधा फलकथन पर ही ध्यान देना चाहिए। परन्तु सर्व प्रथम ये जानना जरूरी है की क्या जो कंप्यूटर कुंडली सॉफ्टवेयर का उपयोग कर रहे है वो भूलरहित तो नहीं है ना, यदि गणितीय गणना क्षति युक्त होगी तो कुंडली की वास्तविक स्थिति का पता ही नहीं चलेगा, इसलिए ये जानने हेतु ज्योतिषाचार्य को नियमावली (Manual) अनुसार गणितीय गणना कार्य सीखना चाहिए।
ज्योतिष शास्त्र को वेदों का 6 ठा अंग और सर्व शास्त्रों का नेत्र (आँख) माना गया है। ये शास्त्र पुर्न जन्म में मानता है और गत जन्म के कर्मों के आधारित जातक की जन्म कुंडली का निर्माण होता है। जातक ने किये हुए संचित कर्मों का हिसाब शनि, राहु और केतु के पास है और सूर्य और चंद्र इस बातों के प्रत्यक्षदर्शी है।
जातकों के अच्छे बुरे कर्मो का हिसाब जानने हेतु शास्त्रकारों ने (डी-60 D-60) षष्टयांश कुंडली को ज्यादा महत्व दिया है। जातक के गत जन्म और भूतकाल में किये हुए अच्छे, बुरे और गुप्त कर्मों का हिसाब और ये कर्मो का वर्तमान जीवन पर केसा और कितना प्रभाव रहेगा ये जाना जा सकता है।
ज्योतिष शास्त्र किये हुए कर्म को बदल तो नहीं सकता परंतु अच्छे बुरे कर्मों के फल को भुगत ने में मदद करता है या बुरे कर्मों के लिए कुछ उपाय कर बचा जा सकता है, परंतु कुछ ऐसे कर्म है जिसका अच्छा या बुरा फल हमें इस जीवन में भुगतना ही पड़ता है उसमे कोई दो राय नहीं है। अगर आप अच्छे कर्म लेकर पैदा हुए हो तो आपका पंचम स्थान अच्छा होगा।
मनुष्य की सम्पूर्ण जीवनधारा जातक की जनम कुंडली में गत जनम में किये हुए कर्मोंके आधारित है और कुंडली के भावो में रहे हुए ग्रहों पर निर्धारित है, कर्मोंका प्रभाव जानने के लिए कुन्डलीमें बनते हुए योग, दशा, और गोचर के ग्रहों का अध्ययन कर विचार करना चाहिए। कुंडली में राहु जो भावमे हो वो भाव कर्मोंसे जल्दी प्रभावित होता है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार जो जातक अपने कर्मों को जान लेता है वो आसानीसे पानीसे कर्मोंका फल और मुर्यु का समय जाननेमें सक्षम होता है।
Details of Book :-
Particulars | Details (Size, Writer, Dialect, Pages) |
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Name of Book: | ज्योतिष प्राथमिक | Jyotish Prathamik |
Author: | Harshjit Mehta |
Total pages: | 148 |
Language: | हिंदी | Hindi |
Size: | 8 ~ MB |
Download Status: | Available |
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