औरत | AURAT HINDI NOVEL BOOK PDF FREE DOWNLOAD

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पुस्तक का संक्षिप्त विवरण:

किसी आदरणीय सहायक मित्र के सहयोग को भुला देना कृतघ्नता है। मैं चाहता तो अपने समादरणीय मित्र डॉ० शिवेन्द्र को पी-एच० डी० उपाधि मिलते ही भुला देता। आजकल ऐसा ही होता है। पर शिवेन्द्र एक बड़ी हस्ती का नाम है। वह मात्र प्रवक्ता हैं समाज-शास्त्र विभाग में पर मेरे तो गुरु और मित्र दोनों हैं। दो साल बड़ा होना कोई मानी नहीं रखता, पर अपनी आत्मा में घुमड़ती सम्पूर्ण व्यथा को मेरे आग्रह पर उन्होंने जिस रूप में सुनाया वह तो बहुत गहरी मित्रता में विश्वास के कारण ही सम्भव हुआ। मैंने उनसे अनुरोध किया "आपके जीवन की इन घटनाओं को जो मैंने प्रत्यक्ष देखीं और जो आपके मन में थीं उनका विवरण सुना, उसे प्रकाशित कराने के पहले आपको दिखा देना चाहता हूं।" डॉ० शिवेन्द्र मेरे गुरु हैं। मेरे शोध-कार्य के निर्देशक रहे। अब मैंने पी-एच० डी० की उपाधि प्राप्त कर ली है। चाहूं तो औरों की तरह मैं भी उन्हें ठेंगा दिखाकर अलग हो सकता हूं। जो देखा, जो सुना उसे रंग-रोगन लगाकर प्रेम की गाथा बना सकता हूं, पर नहीं। मैं कथाकार हूं, इसीलिए सत्य के प्रति प्रतिश्रुत हूं। मैंने इसी कारण उन्हें पूरी पांडुलिपि पढ़ने को दे दी। स्वभावतः हंसते हुए बोले- "ले जाओ, प्रेम इसे छपवा दी। देखना क्या ! वैसे भी साहित्यकारों की खसलत से वाकिफ हूं। मैं न तो तुम्हें मानहानि का नोटिस दूंगा और न ही तुम्हारी कृत्ति को अनचाहा महत्त्व दूंगा और न ही इसे झूठ और काल्पनिक कहकर तुम्हें पाठकों के सामने नंगा करूंगा।

जाने क्या-क्या लोगों ने कहा और बका है मेरे बारे में; उसी भूसे की राशि पर यह गोबर भी रख दी। इसे देखना क्या?" मैंने जिद पकड़ ली। लाचार उन्हें पढ़ना पड़ा। पढ़कर पांडुलिपि देते वक्त बोले - "आश्चर्य है तुमने डॉ० शर्मा की कहानी-कला की पूंछ छोड़ वी इस बार। बड़ा आकर्षक उपन्यास है यह। लेकिन प्यारे भाई तुमने उत्तम पुरुष 'मैं' के रूप में इतने नरेटर्स एक साथ जुटा दिए हैं कि पाठकों को भ्रम भी होगा और चिढ़ भी। कहीं नरेटर तुम हो, कहीं मैं हूं, कहीं हरीण है, कहीं मुनीश हैं बड़ा घपला है। कौन 'मैं', किस 'मैं' से कह रहा है। उपन्यास पकड़ता है, पर अगर तरेशन का.....

Details of Book :-

Particulars

Details (Size, Writer, Dialect, Pages)

Name of Book:औरत | Aurat
Author:Shiv Prasad Singh
Total pages:211
Language: हिंदी | Hindi
Size:19 ~ MB
Download Status:Available


Name of the Book is : Aurat | This Book is written by Shiv Prasad Singh | The size of this book is 19 MB | This Book has 211 Pages | The Download link of the book "Aurat " is given Below, you can downlaod Aurat from the below link for free.

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