Free Hindi Book Samajh se prapt brahmcharya In Pdf Download
All New hindi book pdf free download, समझ से प्राप्त ब्रह्मचर्य | Samajh se prapt brahmcharya download pdf in hindi | Dada Bhagban Books PDF| समझ से प्राप्त ब्रह्मचर्य, Samajh se prapt brahmcharya Book PDF Download Summary & Review.
पुस्तक का संक्षिप्त विवरण:
विषय का वैराग्यमय स्वरूप समझने से लेकर अंततः ब्रह्मचर्य का स्वरूप और उसकी यथार्थ अखंड प्राप्ति तक की भावनावाले भिन्न-भिन्न साधकों के साथ, प्रकट आत्मवीर्य संपन्न ज्ञानी पुरुष परम पूज्य दादाश्री के श्रीमुख से निकली अद्भुत ज्ञान वाणी केवल वैराग्य को जन्म देनेवाली ही नहीं, किन्तु विषय बीज को निर्मूल करके निग्रंथ बनानेवाली है, उसका यहाँ संकलन किया गया है। साधकों की दशा, स्थिति और समझ की गहराई के आधार पर निकली वाणी का इस खूबी से संकलन किया गया है कि जिससे भिन्न-भिन्न स्तर पर कही गई बात प्रत्येक पाठक तक अखंडित रूप से संपूर्ण पहुँचे, ऐसे 'समझ से प्राप्त ब्रह्मचर्य' ग्रंथ (गुजराती भाषा में) को पूर्वार्ध और उत्तरार्ध में विभाजित किया गया है।
पूर्वार्ध के खंड-1 में विषय का विरेचन करानेवाली जोरदार, सचोट और प्रत्येक शब्द में वैराग्य उत्पन्न करानेवाली वाणी संकलित हुई है। जगत् में सामान्यतया 'विषय में सुख है' ऐसी भ्रांति का भंजन करनेवाली, इतना ही नहीं पर सही दिशा कौन-सी है और किस दिशा में चल पड़े हैं, उसका संपूर्ण भान करानेवाली हृदयस्पर्शी वाणी का संकलन हुआ है।
पूर्वार्ध के खंड-2 में ज्ञानी के श्रीमुख से ब्रह्मचर्य के परिणामों को जानकर उसके प्रति आफ़रीन हुआ साधक उस ओर कदम बढ़ाने की ज़रा हिम्मत दिखाता है और ज्ञानी पुरुष का योग पाकर सत्संग सांनिध्य की प्राप्ति से मन-वचन-काया से अखंड ब्रह्मचर्य में रहने का दृढ़ निश्चयी बनता है। ब्रह्मचर्य के पथ पर प्रयाण करने के लिए और विषय के वटवृक्ष को जड़मूल से उखाड़कर निर्मूल करने के लिए उसके मार्ग में बिछे हुए पत्थरों से लेकर, पहाड़ जैसे आनेवाले विघ्नों के सामने, डाँवाँडोल होते निश्चय से लेकर ब्रह्मचर्य व्रत में से च्युत होने पर भी, उसे जागृति की सर्वोत्कृष्ट श्रेणियाँ पार करा के निग्रंथता प्राप्त करवाए वहाँ तक की वैज्ञानिक दृष्टि ज्ञानी पुरुष खुलवाते हैं, विकसित करते हैं!
अनंत बार विषय रूपी कीचड़ में अल्प सुख की लालच में लथपथ हुआ, सना गया और दलदल में गहरा उतरा फिर भी उसमें से बाहर निकलने का मन नहीं होता, यह भी एक आश्चर्य है न? जो सचमुच इस कीचड़ से बाहर निकलना चाहते हैं, पर मार्ग नहीं मिलने के कारण फँस गए हैं; ऐसे लोग कि जिन्हें छूटने की ही एकमात्र अदम्य इच्छा है, उनके लिए तो ज्ञानी पुरुष का यह दर्शन एक नयी ही दृष्टि प्रदान करके सभी बंधनों में से छुड़वानेवाला बन जाता है।
Details of Book :-
Particulars | Details (Size, Writer, Dialect, Pages) |
---|---|
Name of Book: | समझ से प्राप्त ब्रह्मचर्य | Samajh se prapt brahmcharya |
Author: | Dada Bhagban |
Total pages: | 110 |
Language: | हिंदी | Hindi |
Size: | 0.8 ~ MB |
Download Status: | Available |
= हमारी वेबसाइट से जुड़ें = | ||
---|---|---|
Follow Us | ||
Follow Us | ||
Telegram | Join Our Channel | |
Follow Us | ||
YouTube चैनल | Subscribe Us |
About Hindibook.in
Hindibook.In Is A Book Website Where You Can Download All Hindi Books In PDF Format.
Note : The above text is machine-typed and may contain errors, so it should not be considered part of the book. If you notice any errors, or have suggestions or complaints about this book, please inform us.
Keywords: Samajh se prapt brahmcharya Hindi Book Pdf, Hindi Book Samajh se prapt brahmcharya Pdf Download, Hindi Book Free Samajh se prapt brahmcharya, Samajh se prapt brahmcharya Hindi Book by Dada Bhagban Pdf, Samajh se prapt brahmcharya Hindi Book Pdf Free Download, Samajh se prapt brahmcharya Hindi E-book Pdf, Samajh se prapt brahmcharya Hindi Ebook Pdf Free, Samajh se prapt brahmcharya Hindi Books Pdf Free Download.